हरि गुण गाऊ चला अभंग | तुकडोजी महाराज अभंग
नमस्कार या पोस्टमध्ये आपण हरि गुण गाऊ चला अभंग बघणार आहोत.
हरि गुण गाऊ चला अभंग | Marathi
हरि गुण गाऊ चला || १ ||
भिन्न मतांना विसरूनी जाऊ |
मानवता समतेने दाऊ ||
निज सुख पाहू चला || २ ||
गुण गाऊ निर्मल भावाने |
समुदायाने एकमताने ||
सुखे सुखाऊ चला || ३ ||
सर्व जीवांचे हित हे जेथे |
तेचि हरीचे निर्मळ गाथे ||
भाव दाखवू चला || ४ ||
तुकड्या दास म्हणे या याना |
आपुले परके विसरूनी जा ना ||
मुळीच समावू चला|| ५ ||
- राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज
* * * * *
हरि गुण गाऊ चला अभंग | English
Hari Gun Gaau Chalaa || 1 ||
Bhinna Mataannaa Visruni jaau |
Maanvataa Samatene Daau ||
Nij Sukh Paahu Chalaa || 2 ||
Gun Gaau Nirmal Bhaavaane |
Samudaayaane Ekamataane ||
Sukhe Sukhaau Chalaa || 3 ||
Sarva Jivaanche Hit He Jethe |
Techi Hariche Nirmal Gaathe ||
Bhaav Daakhavu Chalaa || 4 ||
Tukdyaa Daas Mhane Yaa Yaa Naa |
Aapule Parake Visruni Jaa Naa ||
Mulich Samaavu Chalaa || 5 ||
* * * * *
हे पण नक्की वाचा 👇👇👇
- श्री पंढरीच्या पतित पावना अभंग
- पुण्यवंत व्हावे घेता सज्जनांची नावे अभंग
- सदा माझे डोळे जडो तुझे मूर्ती अभंग
- कृष्णमूर्ती होय गे अभंग
आज या पोस्टमध्ये आपण हरि गुण गाऊ चला अभंग बघितला.
पोस्ट पूर्ण वाचल्याबद्दल खूप खूप धन्यवाद !!!!
Post a Comment