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कृष्णमूर्ती होय गे अभंग | Krushnamurti Hoy Ge Abhang Lyrics



नमस्कार या पोस्टमध्ये आपण कृष्णमूर्ती होय गे अभंग बघणार आहोत. संत एकनाथ महाराजांनी लिहिलेला हा अभंग आहे

कृष्णमूर्ती होय गे | Marathi

कृष्णमूर्ती होय गे,
कळो आली सोय गे |
प्राणाचा ही प्राण पाहता,
सुख सांगू काय गे || धृ ||

तुळशी माळ गळा गे,
कस्तुरीचा टिळा गे |
अर्धांगी रुक्मिणी विजने
वरित गोपी बाळा गे || २ ||

पितांबराची कास गे,
कसिली सावकाश गे |
नारद तुंबर गायन करिती
पुढे निजदास गे || ३ ||

भक्त कृपेची माय गे,
वोळखली विठाई गे |
एका जनार्दनी विटे,
जोडीयले पाय गे || ४ ||

- संत एकनाथ महाराज

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कृष्णमूर्ती होय गे | English

Krushnaachi Hoy Ge,
Kalo Aali Soy Ge |
Praanaachaa Hi Praaan Paahataa,
Sukh Saangu Kaay Ge || Dhru ||

Tulashichi Maal Galaa Ge, 
Kasturichaa Tilaa Ge |
Ardhaangi Rukmini Vijane,
Varit Gopi Baalaa Ge || 2 ||

Pitaambaraachi Kaas Ge,
Kasili Saavkaash Ge |
Naarad Tumbar Gaayan Kariti,
Pudhe Nikdaa Ge || 3 ||

Bhakt Krupechi Maay Ge,
Volakhali Vithaai Ge |
Ekaa Janaardani Vite,
Jodiyale Pay Ge || 4 ||

- Sant Eknath Maharaj 

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तर आज या पोस्टमध्ये आपण कृष्णमूर्ती होय गे अभंग बघितला.

पोस्ट पूर्ण वाचल्याबद्दल खूप खूप धन्यवाद !!!! 🙏🙏🙏


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